Ambedkar Jayanti 2024: राष्ट्र निर्माण की दृष्टि जिसने बदल दिया इतिहास

6 Min Read
_______Ambedkar Jayanti 2024

 

Contents
Gudi Padwa 2024 Dishes: गुड़ी पड़वा का मजा दोगुना कर देगी महाराष्ट्र की कुछ पारम्परिक डिशेस, आप भी जरूर करे ट्राईडॉ अम्बेडकर और सबके बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल सन 1891 को मध्य प्रदेश में महू नगर सैन्य छावनी में स्थित एक हिन्दू महार जाती में हुवा था । उनका बचपन भारी भेदभाव के बीच गुजरा क्यों कि महार जाती को समाज में अछूत के रूप में देखा जाता था । तत्कालीन सामाजिक परिस्थितिया असमानता के वातावरण से पटी पड़ी थी । ऊंच नीच और सामाजिक भेदभाव के तंग प्रशस्त किया । उन्होंने जीवन में शिक्षा और संघर्ष के माध्यम से बड़ी – बड़ी चुनौतियों को हल किया । भारत माँ के इस वीर सपूत को भारत सहित विश्वभर में सामाजिक न्याय के पैरोकार के रूप में याद किया जाता है  ।Chaitra Navratri 2024: नवरात्र पर कहना चाहते है देवी को प्रसन्न, तो नौ दिन लगाए ये अलग – अलग भोगबाबा साहेब के क्रन्तिकारी विचार Surya Grahan 2024 date and timings: 54 साल बाद लगेगा दुर्लभ सूर्य ग्रहण, जाने भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहींबाबा साहेब कहते है – Skoda Superb की फिर से भारत में हुई एंट्री, 54 लाख रूपए हे शुरूआती कीमत, जानिए फीचर्स और परफॉर्मन्सSofia Ansari Income: जानिए कितना पैसा कमाती है यह रील स्टार्स ?Urfi Javed Biography: कौन है उर्फी जावेद? जाने इनकी फैमिली, करियर और अब तक के सफर के बारे में सब कुछ

बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने न केवल सदियों पुरानी अनेक रूढ़िवादी परम्पराओ को तोड़ने का साहस किया अपितु सामाजिक न्याय के ढांचे को मजबूती दी । सामाजिक बदलाव के जन आंदोलनों की कमान महिलाओ को सौपकर उनकी शक्ति को शिक्षा और संघर्ष से जोड़ा और सवैधानिक आधिकारो की रहा दिखाई ।

Gudi Padwa 2024 Dishes: गुड़ी पड़वा का मजा दोगुना कर देगी महाराष्ट्र की कुछ पारम्परिक डिशेस, आप भी जरूर करे ट्राई

 

डॉ अम्बेडकर और सबके बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल सन 1891 को मध्य प्रदेश में महू नगर सैन्य छावनी में स्थित एक हिन्दू महार जाती में हुवा था । उनका बचपन भारी भेदभाव के बीच गुजरा क्यों कि महार जाती को समाज में अछूत के रूप में देखा जाता था । तत्कालीन सामाजिक परिस्थितिया असमानता के वातावरण से पटी पड़ी थी । ऊंच नीच और सामाजिक भेदभाव के तंग प्रशस्त किया । उन्होंने जीवन में शिक्षा और संघर्ष के माध्यम से बड़ी – बड़ी चुनौतियों को हल किया । भारत माँ के इस वीर सपूत को भारत सहित विश्वभर में सामाजिक न्याय के पैरोकार के रूप में याद किया जाता है  ।
_______Ambedkar Jayanti 2024

 

स्कूल में जिस बालक भीम को कभी बैठने के लिए पहली सीट न मिली, नल से स्वम पानी पिने का अधिकार न मिला, कक्षा में जिसके सवाल – जवाब को तवज्जो न दी गई, उसने गरीब, मजदूर, किसानो, महिलाओ और समाज के हर शोषित वंचित तबकों की संसद में आवाज बुलंद की और सामाजिक न्याय की सवैधानिक लड़ाई लड़ी । जिसका परिणाम है की भारत आज सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ दुनिया के आंखो में आंखे डाल विकास की महाशक्ति बनने के लिए अग्रणीय खड़ा है ।

Chaitra Navratri 2024: नवरात्र पर कहना चाहते है देवी को प्रसन्न, तो नौ दिन लगाए ये अलग – अलग भोग

 

बाबा साहेब के क्रन्तिकारी विचार 

डॉ. अम्बेडकर का मानना था कि भारतीय समाज भाषा, जाति धर्म और कई कारणों से विभाजित है और समाज को जोड़ने में भारत का सविधान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है । डॉ अंबेडकर की क़ानूनी विशेषज्ञता के आधार पर उन्हें सविधान सभा की मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया जिसके तहत आगे चलकर उन्होंने भारत के गौरवशाली सविधान को तैयार करने में अहम किरदार निभाया ।

उनका बेहद महत्वपूर्ण योगदान मौलिक अधिकारों , अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मजबूत केंद्र सरकार के क्षेत्र में रहा । 

Surya Grahan 2024 date and timings: 54 साल बाद लगेगा दुर्लभ सूर्य ग्रहण, जाने भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं

 

बाबा साहेब कहते है – 

अनुच्छेद 32 सविधान का सबसे अहम अनुच्छेद है । यह सविधान की आत्मा है और इसके बिना सविधान अर्थहीन है । वे देश हित में मजबूत केंद्र की वकालत करते थे ।

बाबा साहेब देश के बड़े हिस्से अल्पसंख्यकों को भारत के लोकतंत्र में सत्ता में हिस्सेदारी के समर्थक थे उनका मानना था कि ‘ वन मैन वन वोट ‘ का लोकतांत्रिक शासन काफी नहीं है वे ‘ मेजरीटेरियनिज्म सिंड्रोम ‘ के विरोधी थे इसलिए बाबा साहेब ने अल्पसंख्यको की सुरक्षा के लिए सविधान में कई तरह के सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित किए।

Skoda Superb की फिर से भारत में हुई एंट्री, 54 लाख रूपए हे शुरूआती कीमत, जानिए फीचर्स और परफॉर्मन्स

 

बाबा साहेब आजादी का वास्तविक अर्थ बेड़िया तोड़ने के साथ साथ कमजोर तबकों का संपूर्ण विकास होने तक जोड़ते थे । 15 अगस्त 1947 के ऐतिहासिक दिन भारत आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत का सविधान लागू हुआ जिसके साथ डॉ. अंबेडकर ने एक नए भारत की बुनियाद रखी।

_________Ambedkar Jayanti 2024

 

डॉ. अंबेडकर ने दलितों के मध्य शिक्षा और संस्कृति के प्रसार के लिए कई आंदोलन और संगठन बनाए जैसे वर्ष 1923 में बहिष्कृत हिकारिणी  सभा की स्थापना, 1930 में कलाराम मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन, 1930-32 तक तीनो गोलमेज सम्मेलन में ‘ अछूतो ‘ के हितो पर अपने सशक्त विचार रखे ।

जब जब बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जीवन संघर्ष यात्रा पर विमर्श किया जायेगा तो वंचित और शोषित के बेहतर भविष्य की सुंदर परिकल्पना नजर आएगी । अस्पृश्यता और भेदभाव को ख़त्म करना का उनका संघर्ष निरंतर जारी रहा । निःसंदेह हम उस दौर के प्रत्यक्षदर्शी होंगे जिस दौर में मैला धोने जैसी आमनवीय प्रथा रोकने की जद्दो जहद जारी थी ।

ये भी पढ़े….. 

Sofia Ansari Income: जानिए कितना पैसा कमाती है यह रील स्टार्स ?
Urfi Javed Biography: कौन है उर्फी जावेद? जाने इनकी फैमिली, करियर और अब तक के सफर के बारे में सब कुछ
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version