हर वर्ष 31 मई को वर्ल्ड नो टोबेको डे के रूप में मनाया जाता है । विविध रूप में तबांकू के सेवन से कई खतरनाक केमिकल्स हमारे शरीर में प्रवेश करते है एवं तरह – तरह की बीमारियों को जन्म देते है ।
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World No Tobacco Day 2024
तंबाकू के सेवन या सिगरेट पीने की शुरुआत तो अक्सर दोस्तों के संग होती है , पर इसे छोड़ने के लिए आपको अपनी आत्मशक्ति पर ही भरोसा करना होगा । इसकी तमाम खामियों को जानते हुए भी यदि आप इसे नहीं छोड़ पा रहे है , तो आप इस बारे में सोचे कि क्या आप यह आदत अपने बच्चो को देना चाहेंगे ।
यदि नहीं , तो आप कोशिश करे और जब भी तलब लगे, अपने बच्चो के भविष्य के बारे में सोचे और फिर तय करे , कि आप जिंदगी चुनना चाहते है या धुँआ तंबाकू में कई ऐसे केमिकल्स पाये जाते है , जो हमारे लिए घातक है ।
31 मई को वर्ल्ड नो टोबेको डे मनाया जाता है
तंबाकू के हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सेवन को कम करने के लिए लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबेको डे मनाया जाता है । हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि युवाओ, विशेषतौर पर युवा महिलाओ में ध्रूमपान के मामले अधिक देखे जा रहे है ।
सांस एवं फेफड़े की बीमारी
ध्रूमपान हमारे सांस की नली एवं फेफड़े को छतिग्रस्त कर देता है, जिसके कारण एम्फाईजिमा एवं क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस अर्थात सीओपीडी हो जाती है । यदि आपको दमा की बीमारी है , तो आप खुद तो ध्रूमपान छोड़े ही , ध्रूमपान कर रहे व्यक्ति से भी दूरी बनाकर रखे । बचाव के लिए बेहतर होगा आप मास्क का उपयोग भी करे ।
लगातार तेज खांसी होना
ध्रूमपान के कारण, सांस की नली में सूजन हो जाता है , जिसके क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस हो जाती है । सांस की नली में सूजन के कारण काफी पानी बनते रहता है , उसे ही निकालने के लिए खांसी होती पड़ती है । इसी पानी के जमने इंफेक्शन होता है एवं निमोनिया एवं ब्रॉन्काइटिस हो सकता है , जिसमे सांस की नली छतिग्रस्त होकर फेल जाती है एवं कफ बाहर निकालने में भी दिक्कत होती है ।
कैंसर का कारण बनता तंबाकू
ध्रूमपान व तंबाकू सेवन कई तरह के कैंसर रोगो की पहली वजह है । लंग्स कैंसर, होठ एवं मुँह का कैंसर , गला , सांस की नली , इसोफेगस , स्टोमक , पेनक्रियाज , किडनी , पेशाब की थैली आदि कैंसर होने की आशंका ध्रूमपान व तंबाकू सेवन करनेवाले लोगो को काफी गुणा अधिक होती है ।
ध्रूमपान के कारण होने वाली गंभीर समस्याएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, ध्रूमपान संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है , इससे हर साल लाखो लोगो की मृत्यु हो जाती है और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ता है । स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते है , आमतौर पर ध्रूमपान को फेफड़ो और स्वसन से संबंधित समस्याओ के कारक के तोर पर जाना जाता है, पर असल में सेहत के लिए ये कई और भी प्रकार से नुकसानदायक है ।
स्ट्रोक का खतरा
ध्रूमपान से रक्तचाप बढ़ता है और रक्त के थक्के बनने के आशंका भी बढ़ जाती है , जिससे हृदय के साथ – साथ मस्तिष्क में भी रक्त का प्रवाह अबरुद्ध होने लगता है । मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित होने से स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है । इस स्थिति में लकवा मारने , बोलने में कठिनाई , संज्ञानात्मक हानि और गंभीर में मृत्यु भी हो सकती है । स्ट्रोक को जानलेवा स्वास्थ्य स्थितियों में से एक माना जाता है ।
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